India’s rich biodiversity hotspots are inviting, where are you?

भारत के नेशनल पार्क

 आज मैं आपको ले चलती हूं कुछ प्रमुख नेशनल पार्कों की तरफ जहां वाइल्डलाइफ प्रेमी होने के नाते जाने का बहाना जरूर निकालना चाहिए:

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1. जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क – यह प्रोजेक्ट टाइगर रिज़र्व तथा भारत का पहला नेशनल पार्क है। 1936 में हेली नेशनल पार्क के तौर पर स्थापित  कॉर्बेट नेशनल पार्क को भारत के सबसे पुराने तथा सर्वाधिक प्रतिष्ठित पार्क का दर्जा हासिल है। उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित इस पार्क में बाघों की अच्छी-खासी आबादी है तथा यहां आॅटर और मछली भक्षण करने वाले घड़ियालों की कुछ दुर्लभ प्रजातियां भी पायी जाती हैं।

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खास बात जो सफर को यादगार बनाएगी — अगर सही मायने में जंगल का लुत्फ लेना है तो कॉरबेट नेशनल पार्क में ढिकाला फॉरेस्ट लॉज में एक रात रुकना बनता है। याद से एडवांस बुकिंग आॅनलाइन करा लें। 

2. काजीरंगा नेशनल पार्क – असम में स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क विश्व धरोहर स्थल (Unesco Natural World heritage) है तथा यह एक सींग वाले गैंडे, बंगाल टाइगर, एषियाई हाथियों, जंगली एशियाई भैंस और दलदल में रहने वाले हिरणों जैसे अनेक दुर्लभ प्राणियों का घर है। इस राश्ट्रीय उद्यान में एक सींग वाले गैंडे की लगभग 70 फीसदी आबादी रहती है और बंगाल टाइगर का सर्वाधिक घनत्व भी यही है तथा यहां 1000 से ज्यादा एषियाई हाथियों का निवास है। काजीरंगा का समतल मैदान ब्रह्मपुत्र द्वारा मिट्टी के लगातार कटाव और तलछट के जमाव के चलते बेहद उपजाऊ भूमि क्षेत्र है।

क्यों है इन दिनों खबरों में : ब्रह्मपुत्र में हर साल मानसून में बाढ़ में बह जाने/मरने वाले जानवरों की खबरें सबसे ज्यादा तकलीफदेह होती हैं। इन दिनों पार्क इसी दौर से गुजर रहा है। 

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3. गुजरात का गिर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य – यह दुनियाभर में एशियाई सिंह (Asiatic lions) का आखिरी ठिकाना है। यहां करीब 400 सिंहों के अलावा 300 तेंदुए भी हैं और इस तरह भारत में ’बड़ी बिल्लियों‘ का यहां सर्वाधिक जमावड़ा है। गिर में दलदली घड़ियालों की भी बड़ी आबादी है और सरीसृपों तथा उभयचरों की करीब 40 प्रजातियां यहां पायी जाती हैं।

क्या है खास :स्थानीय मलधारी समुदाय ( Maldharis ) ने इस इलाके में सिंहों की आबादी बढ़ाने में काफी योगदान किया है।

4. मानस नेशनल पार्क – असम में स्थित यह नेशनल पार्क बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाॅट है। पार्क में करीब 60 स्तनपायी प्रजातियां, 42 सरीसृप प्रजातियां, 7 उभयचर प्रजातियां और पक्षियों की लगभग 500 प्रजातियां पायी जाती हैं जिनमें से 26 दुनियाभर में संकटग्रस्त हैं। इसकी समृद्ध जैव विविधता और खूबसूरत लैंडस्केप ने ही इसे प्राकृतिक सौंदर्य का गढ़ बनाया है।

क्या है खास : यूनेस्को ने इसे प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल (UNESCO Natural World heritage) घोषित किया है

5. बांडीपुर नेशनल पार्क एवं टाइगर रिज़र्व – कर्नाटक स्थित इस नेशनल पार्क में देश में सर्वाधिक समृद्ध वन्यजीवन पाया जाता है जिनमें सात बड़ी एंगुलेट प्रजातियां (माॅन्तजक हिरन, चीतल, सांबर, चैसिंगा, गौर, जंगली सूअर और हाथी) तथा तीन बड़े हिंसक मांसभक्षी – बाघ, तेंदुआ और ढोल षामिल हैं। यहां हाथियों की आबादी भी काफी अधिक है जिनमें बड़े दांतों वाले एडल्ट टस्कर्स भी शामिल हैं।

6. कान्हा नेशनल पार्क एवं टाइगर रिज़र्व – रुडयार्ड किपलिंग के बेहतरीन क्लासिक जंगल बुक की प्रेरणा मध्य प्रदेश का यही नेशनल पार्क बना था। इसका इलाका 1940 वर्ग क्षेत्रफल में है। कान्हा में मुख्यरूप से बारहसिंगा या दलदली हिरण पाए जाते हैं। इनके अलावा, अन्य प्रमुख वन्यजीवों में बाघ, जंगली भैंसा, गौर, सांबर, चीतल, बार्किंग डियर, काला हिरन, चिंकारा, चैसिंगा और नीलगाय भी यहां के प्रमुख आकर्शण हैं।

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7. बांधवगढ़ नेशनल पार्क – मध्य प्रदेश में ही स्थित यह पार्क अपने खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारों के लिए प्रसिद्ध है और यहां देश के अन्य किसी भी नेशनल पार्क की तुलना में बाघों की सर्वाधिक आबादी है। Bandhavgarh NP

क्या है खास : किसी जमाने में महाराजा की शिकारगाह से आज जंगल के जीवों की पनाहगाह बनने की इस नेशनल पार्क की कहानी वाकई दिलचस्प है। 

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Inside my tiger themed cottage in Bandhavgarh NP

8. रणथंभौर नेशनल पार्क – दक्षिण पूर्वी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित यह नेशनल पार्क अरावली की पहाड़ियों और विंध्य के पठार के बीच में स्थित है। यह पार्क बाघों के चलते विख्यात है और रणथंभौर में ही सबसे वृद्ध बाघिन मछली का भी बसेरा है जो कि 19 साल की हो चुकी है।

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9. सुंदरबन नेशनल पार्क – यह बांग्लादेश के दक्षिणी छोर से पश्चिम बंगाल तक फैला है। यह घना दलदली वन क्षेत्र (dense mangrove forest) है। UNESCO Natural World heritage होने के साथ-साथ यह दलदली वन क्षेत्र पक्षियों की 260 प्रजातियों, बंगाल टाइगर तथा अन्य कई संकटग्रस्त प्रजातियों जैसे घड़ियाल और इंडियन पायथन का भी ठिकाना है।

हिंदुस्तान में नेशनल पार्कों का गणित 

1970 तक भारत में नेशनल पार्कों की संख्या सिर्फ पांच थी। 1972 में, भारत ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (wildlife protection act) लागू किया तथा प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) शुरू किया ताकि कुछ खास प्रजातियों के प्राकृतिक ठिकानों को सुरक्षित रखा जा सके। इन संगठित प्रयासों का ही नतीजा है कि आज देश में 700 संरक्षित क्षेत्र [जिनमें 103 राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (National Parks), 528 वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife sanctuaries), 65 संरक्षण आरक्षित (Conservation reserves) क्षेत्र तथा 5 सामुदायिक आरक्षित (Community reserves)] हैं। देश के 103 नेशनल पार्क 40,500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले हैं जो कि देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 1.23% है।

याद रखें : अमूमन सभी नेशनल पार्क 1 जून से 30 सितंबर/ 31 अक्टूबर/14 नवंबर तक बारिश में बंद रहते हैं। वेबसाइट देखें और सफारी के लिए एडवांस बुकिंग लेकर जाएं, वरना कई बार लंबी लाइनों में लगकर आपका आधा दिन तबाह हो जाता है या एजेंटों से मनमाने दाम पर सफारी बुकिंग कराने की मजबूरी झेलनी पड़ती है।

जंगल की सैर करें, फुर्सत के साथ, तसल्ली के साथ।
और हां, सबसे अहम् बात है यह जान लेना कि जंगल में सिर्फ शेर-चीता ही नहीं रहते।
जंगल में एक जंगल भी रहता है!
उसका जी-भरकर मज़ा लें।
जंगल की हर शय का लुत्फ उठाएं और बाघ, चीता बोनस समझें।

Image credits : Photography/Storytelling by Kavyanjali

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